• Episode 28 - मेरे ठेंगे पे (FoMo)
    Dec 18 2024
    सुबह उठने के साथ ही यही एक मात्र चिंता कि मैं दिख नहीं रहा, मैं बिक नहीं रहा, FoMo का शिकार मैं, गैलरी खंगाल कर एक पोस्ट का इक़बाल बुलंद करता हूं। मेरे वजूद के लिए चलो कोई तो लड़ रहा है। अब मेरी ओर झांकोगे तो मुझे भी जिंदा पाओगे।
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    3 mins
  • Episode 27 - गिरवी कृतज्ञता
    Dec 13 2024
    जब तुम ठुकरा देते हो, एक गोल रोटी को, तो तुम ठुकरा देते हो बहुत से लोगों की मेहनत।
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    4 mins
  • Episode 26 - पहचान मेरी
    Nov 29 2024
    मैं गिरता जा रहा हूँ, साल दर साल। झुकी नज़रें, झुकी कमर, एक झुका हुआ इंसान। कोई प्रतिक्रिया देने में इच्छुक नहीं, दुनियां जाए भाड़ में। जीभ पर फैला कड़वापन कुछ भी बोलने से रोकता है। बोलूंगा तो वो तीखा ही होगा।
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    3 mins
  • Episode 25 - हुनर
    Nov 29 2024
    जिस दिन मालिक घिसाई को नीलम दे देता, उसे ख़ुद की सुध बुध न रहती, उसकी हालत, देसी दारू के ठेके के बाहर उकडू बैठे, दारुड़ियो सी हो जाती।
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    2 mins
  • Episode 24 - सर्वर डाउन है
    Nov 29 2024
    कुछ टिकट मेरे जीवन में धरे के धरे रह गए। उन पर मैने यात्रा नहीं की। कभी–कभी सोचता हूं यदि कर ली होती तो जीवन क्या होता? क्या मैं वही आदमी रहता जो अब हूं?
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    2 mins
  • Episode 23 - कुछ अजीब प्यार है अपना
    Nov 29 2024
    कुछ अजीब प्यार है अपना। जो तुम्हारे आते ही ऑटो के मीटर सा डाउन हो जाता है। तुम जल्द चले जाओगे, बस यही सोचता चला जाता है।
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    1 min
  • Episode 22 - कुछ बातें
    Nov 26 2024
    कुछ लड़कों को लड़कियों के घर के अंदर तक आने देना चाहिए ताकि उनके मां बाप भी देख सकें कि दुनियां में अभी भी अच्छे लड़के बचे हैं। कुछ लड़कियों को खुल कर हंसना चाहिए ताकि और लड़कियों को भी पता चले कि जीवन मुस्कुरा कर भी जिया जा सकता है।
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    3 mins
  • Episode 21 - गुलाबी नानसेंस
    Nov 26 2024
    एक पुरुष का प्रेम स्त्री के लिए सर्वथा भिन्न होता है। पुरुष प्रेम दर्शाने के लिए अपनी इंद्रियों का इस्तेमाल करता है। वो औरत को छू कर बताता है कि उसे उस औरत से कितना प्रेम है।
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    3 mins